मफलर मैन का कहर हर तरफ फैलता जा रहा था। जब कोई बच्चा घर में दूध नहीं पीता था तो माँ कहती थी बेटा पी ले नहीं तो मफलर मैन आकर दूध चुराकर ले जायेगा और उसका दही बनाकर रायता फैलाएगा। मफलर मैन के डर से दूध वाले भैयाजी ने दही बेचना बंद कर दिया था क्योंकि वो जब भी दही के लिए दूध जमाते थे मफलर मैन आकर सारा दही चुराकर रायता बनाने के लिए लेकर चला जाता था। यहाँ तक की बड़े बड़े नेताओ और उद्योगपतियों ने मफलर मैन के डर से दही खाना छोड़ा दिया था और कोई खाता भी था तो छुपकर खाता था ताकि कही रायता न फाइल जाए।
मफलर मैन का कहर दिल्ली में कुछ इस कदर पसरा था की स्कूल के बच्चे स्कूल की छुट्टी मारकर दिनभर मैदान में खेलते थे उन्हें डर था की कही मफलर मैन आकर उनके मैदान पर कब्ज़ा न करले क्योंकि पिछली बार मफलर मैन ने जिस मैदान को कब्ज़ा करकर धरना चालू किया था उस मैदान को फिर से पाने में बच्चो का ४९ दिन लग गए। बेचारे बच्चे ४९ दिन तक मैदान में खेल नहीं पाए और दर दर भटक रहे थे खेलने के लिए। वो तो भला हो की मफलर मैन दिल्ली छोड़कर पुरे देश में रायता फैलाना चाहता था इसलिए वो ४९ दिन के बाद मैदान छोड़कर भाग गया और बच्चो को अपना खेल का मैदान वापस मिला।
मफलर मैन का असली चेहरा किसी ने नहीं देखा था क्योंकि वो हमेशा टोपी पहनकर उसपे मफलर चढ़ाकर उसपर आम आदमी का मेकप लगा लेता था। मफलर मैन खुद को सत्य और ईमानदारी का पुतला बताता था।मफलर मैन के पास दो स्टैम्प थे और वो पहला स्टैम्प जिस किसी पर मार देता था वो ईमानदार बन जाता था चाहे असल जिंदगी में वो बहुत बड़ा बेईमान हो। मफलर मैन का दूसरा स्टैम्प था बेईमान पंजीकरण का इस स्टैम्प को मारने से अच्छे अच्छे ईमानदार लोगो को बेईमान सत्यापित कर दिया जाता था। मफलर मैन एक बार एक समोसे खाने वाले पेटूराम पर बेईमानी वाला स्टैम्प मारा था और इसी चक्कर में जेल भी जाना पड़ा और फिर बेशर्मी से क्षमा मांगकर जेल से छूटा।
आज कल सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा हो रही है की मफलर मैन फिर आ रहा है। सुना है की रायता फैलाने के लिए चंदा जमा किया जा रहा है। मुंबई में सबसे महंगी थाली आज कल मफलर मैन बेच रहा है। खाने की एक थाली का दाम २० हजार रुपए है और ये थाली गुजरती, पंजाबी, जैन, साउथ इंडियन और चाइनीस हर फ्लेवर में उपलब्ध है। मफलर मैन की वापसी के बारे में सुनकर जनता डरकर कांप रही है क्योंकि उसे पता है की मफलर मैन के आते ही फिर चारो तरफ अफरा - तफरी का माहोल होगा और फिर से रोज दिल्ली में सरकार चलाने के बदले मफलर मैन धरना करेगा।
मंगल ग्रह पर मंगल यान भेजने वाले वैज्ञानिको की बात माने तो मफलर मैन एक परपोषी प्राणी है। ए इंसान की ईमानदारी, दया और देश के प्रति निष्ठा के ऊपर फलता फूलता है। मफलर मैन को रायता फैलाने के लिए बहुत मात्रा में पैसे की जरूरत होगी इसलिए यदि आप मफलर मैन से बचना चाहते है तो अपनी ईमानदारी, दया, देश के प्रति निष्ठा और पैसा गलती से भी उसके आम आदमी वाले मेकप के झांसे में आकर मत दे। सतर्क रहे होशियार रहे और यदि लेख पसंद आया तो अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे क्यों की हो सकता है मफलर मैन की ट्विटर आर्मी मेरे अकाउंट को ससपेंड करा दे।
अब मफलरमैन की एक अच्छी खासी सेना है.. जो भाजपा की सेना (मोदी मोदी) की तरह बात पर 49 दिन 49 दिन करती है.. जब वो किसी बात को मनवा नहीं पाते हैं (जो की अक्सर होता ही है) तब वो अपनी पूरी सेना से बोलकर उसको report spam मरवा देते हैं और बेचारा अपने account से हाथ धो बैठता है.. कुछ ही दिन पहले उनका एक शिकार ashutosh083B भी हुआ है जो parody account ashutosh83B का असली अकाउंट था. मफलरमैन सुनने में भले ही बाकि हीरो जैसा लगता हो लेकिन दरअसल उसका खौफ दिल्ली में मंकीमैन या flying मंकी से काम नहीं है.
ReplyDeleteये आप दिल्ली वालो का आलवा और कौन जान सकता है
Deleteएक बार बाबा रतनजोत के एक शिष्य ने पुच्छा : बाबा MufflerMan ने कंटाप अस्त्र का आईडिया को कहा से अपनाया ?
ReplyDeleteबाबा रतनजोत : जब MufflerMan ने 49 दिन बाद दिल्ली से बाहर निकलकर रायता फैलाने की सोची तो उस समय यूज़ चंदे की भारी जरुरत पड़ी, वैसे #MufflerMan ने कुछ नमूनों को काम पे भी रखा था लेकिन उन पालतू जानवरों का बस एक ही काम था दिनभर SM के हर बन्दे के TL पर जाकर रायता फैलाना लेकिन ये पालतू जानवर चंदे की उगाही उतनी नहीं कर पाते थे जितने की दारु और चखना चट कर जाते थे. अब रायताविशेषज्ञ रायता नहीं फैलाएगा तो उसके नाम पर धब्बा नहीं लग जायेगा तो उसके लिए उसने एक लल्लन टॉप आईडिया अपनाया उस समय तक #MufflerMan के एक सहयोगी "कश्मीर" के ऊपर ब्यान देने के कारण एकाध बार कूटे जा चुके थे. उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने अपने दिमाग की बत्ती जलाकर एक अस्त्र का खोज कर दिया जो बाद में "कंटाप" अस्त्र के नाम से जाना गया, ऐसा कहकर बाबा रतनजोत चिलम पीने लगे ~ एक ट्वीट चोर
बहुत खूब
Deleteये लेख तो दिल्ली के किसी अखबार में छपना चाहिए ! शायद कुछ अंधभक्तो की आँखें खुल जाये !!
ReplyDeleteसमस्या यही है किसी भी दाल का अंध भक्त हो वो अपने देवता के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकता
Deleteऊपर दिखाया गया चित्र शब्दों के साथ अच्छे से न्याय कर रहा है। हर बार की तरह बेहतरीन व्यंग दोनों पक्षो पर। दही खाने वालों पर भी और रायता फेलाने वालों पर भी!
ReplyDeleteधन्यवाद राहुल
DeleteHaha mast hai bhai sahab par aap k Kusch aapiyae samarthak naraaj hoonge ..unki batmizi barsats karne k liyae umid hai aap tiyaar hoonge ;) ;)
ReplyDeleteहर बार कोई न कोई नाराज हो जाता है, अब धीरे धीरे आदत हो गई है
Deleteमफलर मैन को हमीं जैसों ने हवा दी और यहाँ तक पहुंचा दिया। मुझे समझ नहीं आता की दिल्ली की जनता ने क्या सोचा था तब? क्या कोई भी खम्बे पे चढ़ कर बिजली काट देगा। तब की सरकार कहाँ सोई थी? मफलर मैन के पास 300 पन्नों के सबूत थे। लगता है उनपर भी रायता फ़ैल गया।सुना था की पानी मुफ़्त दिया जाएगा। क्या मफलर मैन बता सकता है कि ये पानी अपने ननिहाल से लाते हैं क्या?
ReplyDeleteराजनीति में ये सब खेल लगा रहता है
DeleteYou have brilliantly succeeded in summarising #MufflerMan 's career in one single page. It was funny and apt. Well written.
ReplyDeleteधन्यवाद, मफलर मन की कहानी लिखना इतना आसान नहीं था
Deleteलेखक को अंधविश्वास में नहीं रखना चाहिए इसलिए ज्यादा अच्छा नहीं कहुँगा, ठीक ठाक था पर और अच्छा हो सकता था। तीसरा पैराग्राफ शानदार था। (त्यागी)
ReplyDeleteधन्यवाद, त्यागी भाई आँखे खोलने के लिए
Deleteजबर है भाईजी.. और भी मसाला डालिए अगले पार्ट में! :D
ReplyDeleteजरूर जरूर, अगला भाग में मफलर मानव की कहानी को विस्तारित रूप से लाएंगे, लेकिन कुछ लोग फेकू मैन पर भी पढ़ना चाहते है
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