बिगत कई वर्षों से मुंबई महानगरपालिका पर शिवसेना-भाजपा का गठबंधन रहा है। मुंबई महानगरपालिका का सालाना बजट कई देशों के बजट से अधिक है और इस बजट का सही उपयोग करते हुए शिवसेना-भाजपा ने मुंबई को न्यूयॉर्क बना दिया।
मुंबई के हर घर में २४ घंटे पानी आता है। गटर का निकासी करण इस तरह बनाया गया है कि आपको कहीं भी गंदा पानी जमा हुआ नही दिखाई देगा। हर गली, हर चौरहे का सौंदर्यिकरण देखकर आपको एक पल को तो सच में लगेगा कि आप न्यूयॉर्क में हैं और हा वो जोगेश्वरी स्टेशन वाले हाईवे पे बीच सड़क पर पड़ा कचरे का डिब्बा वहाँ इसलिए रखा गया है कि आपको गंदगी फैलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सके।
शिवसेना के कार्य कुशल स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे से प्रेरणा लेकर उनके बेटे उद्धव ठाकरे और पोते आदित्य ठाकरे ने भी मुंबई के विकास का कार्य जारी रखा है। हर २ मिनट में यहाँ बस मिल जाती है और उसमें बैठने के लिए हमेशा सीट उपलब्ध है। यातायात और सड़के ऐसी कि आप लोगों को लगेगा आप विमान यात्रा कर रहें हैं। कई घंटों का सफर मुंबई की सड़क पर कुछ मिनटों में हो जाता है।
मुंबई लोकल (ट्रेन) महानगरपालिका का कार्य क्षेत्र नही है परंतु उसके बावजूद शिवसेना के कर्मठ नेताओं ने रेल मंत्री पर दबाव डाल डालकर ऐसी लाजवाब व्यवस्था की है कि लोग दिनरात मुंबई लोकल में मिले सर्विस से खुश रहते हैं और मेरी टाईम लाईन पर आप अकसर मुझे इस बात की तारीफ करते हुए पाएंगे।
अब मुंबई की इतनी सेवा के बाद शिवसैनिको को जो समय मिलता है वो उसे राष्ट्र निर्माण में लगा देते हैं। पुरानी बेस्ट की बसों को जलाकर कचड़ा कम करना। रोज काम पर जाकर परेशान मुंबईकरों के लिए बंद का ऐलान करके उन्हें छुट्टी दिलवाना और बेकार बेहुदा बॅालीवुड फिल्मों के खिलाफ प्रदर्शन करके उन्हें प्रसिद्धि दिलवाना।
उपरोक्त सेवाओं के बाद उन्हें यदि समय मिल जाए तो वो गुमनाम लोगों पर स्याही फेंककर उन्हें फेमस बनाने का काम भी गैरंटी के साथ करते हैं। सुनने में तो यहाँ तक आया है कि घाटे में चल रही एक स्याही की कंपनी ने युवराज आदित्य ठाकरे को अपने विज्ञापन लेने का मन बनाया है, उनका मानना है कि आदित्य के विज्ञापन करने से स्याही की विक्रि में उछाल आएगा।
इतनी सारी खूबियों के बावजूद लोग शिवसेना को भला बुरा कहते हैं और उनके परिश्रम को सामने लाने के लिए ये व्यंग्य लिखना पड़ा । आप लोगों से निवेदन है कि आप लोग भी मीडिया के झूठे बहकावे में मत आना। मेरे शिवसैनिक अच्छा काम कर रहें हैं उन्हें काम करने दीजिए।
नोट : ऊपर लिखी सभी बातें झूठी हैं। इसका सच्चाई कोई लेना देना नही है और यदि किसी घटना से संयोग हुआ तो ये मानना कि मुझे किसी ने जबरदस्ती बंदूक की नोक पर ये सब लिखवाया है। (चलो इस नोट के साथ मार खाने का खतरा समाप्त हो गया।)
इस लेख पर अपने विचार हमे लिखना ना भूलें और हर सोमवार/गुरुवार आते रहिए पुरानीबस्ती में।
hahahha...lajawab :)
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteऔर तो और ये दैनिक दिनचर्या से वक्त निकाल कर टोल नाको के उत्थान के लिये भी कार्य कार्य करते है #व्यंग्य
ReplyDeletelol :)
Deleteवैलेंटाइन डे मनाने के लिए दिशा निर्देश भी सोदाहरण समझते है....
ReplyDeleteवो तो है
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