badge पुरानीबस्ती : #व्यंग्य - सागरिका (होलिका) फूआ को मेरा पहला पत्र
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Monday, November 2, 2015

#व्यंग्य - सागरिका (होलिका) फूआ को मेरा पहला पत्र




सागरिका फूआ,

नमस्ते,

नमस्ते,

नमस्ते,

नमस्ते,

पहला नमस्ते मुसलमान था, दूसरा नमस्ते ईसाई था, तीसरा नमस्ते सिख था और चौथे नमस्ते की आप परवाह नही करती। फूआ हम बहुत दिनों से आपको और चचा को ट्विटर पर फॅालो करतें हैं और कुछ दिन पहले किसी चुटकुले पर राजू बाबा ने हमें ब्लॉक मार दिया। आप ने अभी तक नही मारा क्योंकि हर बार चुटकुला तो बना लेता हूँ लेकिन आपके जैसे बीमार व्यक्ति के लिए चुटकुला बनाने से स्वयं का दिल आहत होता है इसलिए पोस्ट नही करता हूँ।


वैसे मेरी और आपकी कोई दुश्मनी नही है परंतु तब पर भी सोचा की आप को कुछ सत्य बतलाता चलूँ। वैसे मेरा मानना था कि यदि किसी व्यक्ति की हत्या की गई है तो वो निंदनीय है परंतु आपके विचारों को जानकर और पढ़कर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ की मरने वाले का धर्म निर्धारित करता है कि हमें उसके कत्ल की निंदा करनी चाहिए या नही करनी चाहिए। 

आप एक तरफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का झंडा उठाएँ घूम रही हैं और दूसरी तरफ आपने शार्ली शेब्दो कार्टूनिस्ट हत्याकांड की निंदा की परंतु उस कार्टून को इस्लामी भावनाओं को ठेस देने वाला करार दे दिया और आपके उसी तराजू ने मकबूल फिदा हुस्सैन को देश छोड़ने पर मजबूर करने वालों लोगों को शांति का दुश्मन बताया था। हुस्सैन ने तो सरे आम देवी की नग्न तस्वीरें बनाकर हिन्दूओ को आहत किया था लेकिन आपके नजरिये से हिंदू धर्म बहुत तुक्ष है उसे आहत होने का कोई हक नही है।

आज कल आपने व्यंग्य - हास्य लिखना आरंभ कर दिया है। चलिए अच्छा है आप जैसा बड़ा नाम व्यंग्य - हास्य लिखने की कोशिश कर रहा है। आपका जो भी एक दो लेख पढ़ा उसे देखकर यही कह सकता हूँ कि अभी व्यंग्य - हास्य लिखने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी होगी।

हाल ही में आपका पति परमेश्वर वाला लेख पढ़ा। आप जैसी स्त्री को मैं बहुत ज्ञानी समझता था परंतु ज्यों ज्यों आपको पढ़ना - देखना शुरू किया तो सारा वहम दूर होते गया, यदि आप से अंग्रेजी छीन ली जाए तो आप में जो देखने वाली बात होगी वो है आपकी डार्क रेड होठ लाली। हिन्दू धर्म के प्रति आपकी अज्ञानता से कोई ताज्जुब नही होता है क्योंकि आपकी नजर में दुनिया का सबसे हेय धर्म है। जिसने समय समय पर लोगों पर हमला करके उन्हें धर्म के नाम पर बरबरता से मौत के घाट उतार दिया है।

यदि इस दुनिया के सबसे महान धर्म इस्लाम की बात की जाए तो आप के साथ बहुत से लोग उसकी कूरीतियों को देखकर आहत हो जाएंगे। वहाँ तो धर्म के देवता से लेकर पूजा की मस्जिद तक औरत का कोई स्थान नही है। हाल ही में मुंबई की दरगाह ने औरतों का मजार पर प्रवेश बंद कर दिया, यह खबर सोशल मीडिया के हवाले से थी इसलिए सत्य की जांच कर लेना जो चलन आपके पेशे से अब उठ चला है।

रही बात हिंदू धर्म की तो उसे किसी व्यक्ति ने रात को सपना देखकर नही बनाया है। हजारों वर्षों के वैज्ञानिक और प्राकृतिक संसाधनों की लाभ और सुरक्षा के हिसाब से इसका निर्माण हुआ है और कुछ ना कुछ कमी तो हर जगह होती है जैसे हिंदू धर्म में जाति प्रथा है लेकिन जहाँ तक मेरा ज्ञान है आपके चहिते धर्म में भी दो तबक़े हैं और वो अकसर एक दूसरे का कत्लेआम भी उसी आधार पर करते रहते हैं। 

हिंदू धर्म में ऐसा मानना है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अवतार एक चीर शक्तिशाली ज्योति से हुआ है और उस ज्योत का स्रोत पवन कल्याणी माँ शक्ति हैं जिनके नौ स्वरूपों की पूजा साल में दो दो बार होती है जो बाक़ी सभी देवताओं की पूजा से अधिक है। रही बात महिलाओं के ऊपर तानाशही की तो आप यदि युनिफॅार्म सिविल कोड की पैरवी करें तो इस्लाम धर्म की महिलाओं को इससे काफी लाभ होगा जहाँ सिर्फ तीन बार मौखिक,रूप से तलाक तलाक कहने से बेचारी को घर छोड़ना पड़ जाता है।

मुझे इस बात का ज्ञान हो चुका है कि मैं आपको कितना भी समझाने की कोशिश करूँ आप नही मानेंगी। आप होलिका की तरह हिरणाकश्यपु को सत्य समझते रहिए लेकिन मैं आपका भतीजा होने के नाते भक्त प्रहलाद की तरह आपको मनाने की कोशिश करता रहूंगा। भूल चूक माफ करो और मन की गंदगी साफ करो।


नमस्ते,

नमस्ते,

नमस्ते,

नमस्ते,

पुरानीबस्ती का प्रहलाद
























इस व्यंग्य पर अपनी टिप्पणी हमे देना ना भूलें। अगले सोमवार फिर मिलेंगे एक नए व्यंग्य के साथ। 



6 comments:

  1. अरे भाई पापी पेट के लिए ये सब चल रहा है समझा करो ;) मेरे दादाजी कहते थे जिसने हिन्दू दर्शन को समझ लिया वो कभी नास्तिक नहीं कहलाना चाहेगा। पर वर्तमान परिदृश्य में भारत में तथाकथित नास्तिकता से सिर्फ और सिर्फ एक ही भावना प्रकट होता है "हिन्दू - साहित्य, धर्म, एवम् लोगो का विरोध" पर कोई बात नहीं। कभी कोई समय से कोई जीत नहीं सकता। तालाब में पानी हो तो मछलियाँ उसमे गिरे चींटियों को खा जाती है और तालाब सूखने पर चीटियाँ मछलियों को। ~ एक ट्वी________

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    1. बात तो आपकी सत्य है और आजकल सब कुछ चींटी और मछली के अनुसार ही चल रहा है

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  2. I am impressed with you writing.. Maja aa gaya pad kar.. Thanks keep posting.

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    1. धन्यवाद, पुरानीबस्ती का चक्कर लगा लो बहुत कुछ पढ़ने मिल जायेगा

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  3. Bhai ye wala toh Saagrika aur Rajdeep ko thelne jaa raha hoon pata hai andhe kouwein mein kankad maarne jaa raha hoon hul-chal toh hogi par dikhegi nhi uske liye mein jimedaar nhi kya karoon wahan itna hara rang ki fafundi jami hai hai ki gyaan ki pili jyoti jagah nhi hai

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    1. धन्यवाद भाई, आप जैसे मित्रो के बहुत जरुरत है

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