प्यारे प्रधानमंत्री साहब,
नमस्कार, मैं यहा मुंबई में कुशल पूर्वक हूँ और माता मुम्बादेवी से ऐसी कामना करता हूँ कि आप भी गुजरात से दिल्ली शिफ्ट होने के बाद वहा कुशलतापूर्वक होंगे। आप की चर्चा अकसर लोगों के मुँह से सुनता रहता हूँ। सुना है आप सिर्फ ४-५ घंटे सोते हैं। अच्छा है बड़ी जिम्मेदारी आने के बाद आदमी की नींद उड़ना जायजा है। शादी होने के कुछ साल तक तो मुझे भी ३-५ घंटे ही नींद आती थी और उसके बाद मैंने अपनी पत्नी को जिम जोइन करवा दिया जैसे जैसे उनका वजन घटा मेरी जिम्मेदारी कम और नींद बढ़ती चली गई। लेकिन भारत की जनसंख्या, भुखमरी और बेरोजगारी रोज बढ़ रही है इसलिए आप की नींद कम नही हो सकती है।
प्रधानमंत्री साहब आपको सत्ता में आकर कुछ ही महीने हुए हैं और मैं इन कुछ महीनों में आपसे बड़े बड़े एयरपोर्ट, लंबी - चौड़ी सड़को की इच्छा नही करता हूँ लेकिन कुछ मूलभूत समस्याओं के प्रति आपकी जवाबदेही बनती है। पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और दाल के दाम कई बार आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं। अब मेरे ओफिस में कैंटीन नही हैं परंतु होता भी तो वहाँ ५₹ में भरपेट भोजन खाना नही मिलता जैसी सुविधा आप लोगों के पास राज्यसभा और विधानसभा में है। बिना टमाटर और प्याज के खाने की कल्पना काप जाती है। प्याज और टमाटर किसी ज़माने में गरीबो के खाने में पनीर और कबाब का काम करते थे लेकिन आज वो भी उनकी थाली से है।
एक बात तो मैं भी समझता हूँ कि आपके पास कोई जादू की छड़ी नही है जिसे घूमाते ही भारत की समस्याएं हल हो जाएं लेकिन जो समस्या आपके शासन काल में आ रही है उनका हल आप ही से पाने की इच्छा है। पिछली सरकार के शासन काल में आप खेती के रीयल टाईम डेटा के बारे में बात करते थे, उस योजना पर काम थोड़ा जोर लगाकर करिए। खाने के समान की डिमांड और सप्लाई का अनुपात बनाना बहुत जरुरी है और यदि इसमें बहुत समय लगेगा तो मुझे भी बीपीएल कार्ड बनवाकर दे दो। कम से कम गेहूँ और चावल का जुगाड़ तो हो जाएगा। वैसे बीपीएल वर्ग दाल नही खाता है क्या? कभी उन्हें कम दामों पर दाल उपलब्ध करवाने के बारे में नही सुना, हो सके तो उन्हें दाल लेने की सुविधा भी प्रदान करें।
वैसे मुझे पता है कि आपके पास इतना समय नही है कि आप मेरे पत्र का जवाब दे सकें लेकिन यदि देने का विचार बने तो महंगाई की समस्या का कारण खराब मानसून ना बता देना क्योंकि जब तेल के दाम गिरे थे तो आपने कहा था कि मैं बहुत नसीबवाला हूँ, मेरे आते ही तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम हो गए हैं तो महँगाई का दोष किसी और क्यों देना। आपके चुनावी भाषणों में आप आयात-निर्यात नीति की बात करते थे उन नीतियों का क्या हुआ? कुल मिलाकर समस्या का हल बताना उसके होने का कारण तो मैं भी अपने बॅास को बताता हूँ लेकिन वो किसी भी कारण को मानने से इनकार करके मुझे नाकाबिल घोषित कर देता है। मैं यहाँ अपने आपको आपका बॅास नही बता रहा हूँ मैं तो सिर्फ मेरे मन की बात कर रहा हूँ।
चलते चलते एक बात और कहना चाहता हूँ, आपके दल के कुछ लोग हैं जिन्हें समाचार वालों का कैमरा बहुत पसंद आता है और तरह तरह के बेवकूफी से भरे बयान दे देकर आपकी और सरकार की छवि को धब्बा लगाते रहते हैं। आप उन्हें या तो पार्टी से निष्कासित कर दीजिए या फिर उनको सेंटर फ्रेश खिला दीजिए क्योंकि सेंटर फ्रेश "जबान पर लगाये लगाम । वैसे ट्विटर पर आपके एक मंत्री को जब मैंने महँगाई पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा हवा तो अभी भी मुफ्त है उसका लुत्फ उठाया करो कुछ वर्षों बाद ये भी एयर बैग में बिकेगी।
चलते चलते एक बात और कहना चाहूंगा, मैंने अभी तक अपने व्यंग्यों में कभी भी आप पर कटाक्ष नही किया है और मैं आपका शुभचिंतक भी हूँ। ये सब इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि आपके कुछ समर्थक आपसे सवाल करने पर गाली गलौज पर उतर आते हैं और मेरे पास तो पासपोर्ट भी नही है कि मुझे पाकिस्तान भेजने का पर्याय भी दिया जाए। कभी मौका मिले तो पुरानीबस्ती में आकर कुछ व्यंग्य और कविताएँ पढ़ते जाना और हा उसपर अपनी टिप्पणी देना मत भूलना ।
भारत देश का वासी,
धन्यवाद
@पुरानीबस्ती
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इस व्यंग्य पर अपनी टिप्पणी हमे देना ना भूलें। अगले सोमवार फिर मिलेंगे एक नए व्यंग्य के साथ।
सही सवाल किया है। हम लोग भी बीजेपी समर्थक है किन्तु अब जबाब देते नही बन रहा है। थेथरई करना पड़ता है।
ReplyDeleteचलिए सत्य बताया करिये, थेथरई से कोई लाभ नहीं मिलेगा
Deleteसवाल वाजिब है, बिना काम के तो जनता नहीं मानेगी । जमीनी हकीकत को स्वीकारना होगा
ReplyDeleteसरकार बनाई थी अपनी बड़ी उम्मीदों से , डेढ़ साल हो गया अब सवाल पूँछने का वक़्त है !
ReplyDeleteak मफलर नही बांधेंगे?
9वीं पास DCM बनेगा?
लालू जी नीतीशजी जी की भयंकर जीत
उन सबके अच्छे दिन आ गये जिन्होंने BJP को वोट नही दिया
किसी से भी सवाल करो, कभी केजरीवाल जी के चमचे गाली गलौज पर उतर आते हैं तो कभी मोदी जी के समर्थक। हमारे और आपके जैसे लोग आकर अपनी छवि बचाने के लिए शांत रहना बेहतर समझते हैं
ReplyDeleteबात तो सही है लेकिन लिखना भी जरुरी है
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