badge पुरानीबस्ती : #नज़्म - नज्मों को चराने ले जाता है
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Monday, April 4, 2016

#नज़्म - नज्मों को चराने ले जाता है




गड़ेरिया भी हर रोज़ 

नज्मों को चराने ले जाता है,
हाँकता है उन्हें 


कभी लाठी बजाता है,
फुनगीयाँ हरी हरी तोड़कर 


नज्मों को खिलाता है, 

टहनियाँ पेड़ की पत्तेदार,
जो लटकती है
लेकिन नीचे नही गिरती,
उन्हें लग्गी से खींचकर 


नीचे गिराता है,

कुछ नज्में 


अब रौबदार हो गई हैं,
उनके शब्दों को अब निकालकर,
एक ऊन का गोला बनाएगा,
फिर उससे बनेगी 


एक मखमल सी मुलायम स्वेटर,
जिन्हें ठंड के दिनो 
में  पहनकर


वो नज्मों को दूर तक चराएगा I

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