badge पुरानीबस्ती : क्या युद्ध जरुरी है?
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Tuesday, October 18, 2016

क्या युद्ध जरुरी है?


उरी में सत्रह जवानों की शहादत के बाद भारत में एक बार पुनः भारत - पाकिस्तान रिश्तों पर बहस शुरू हो गई है। ट्विटर विशेषज्ञों से लेकर पत्रकार भी इस मुद्दे पर अपनी - अपनी राय देने के लिए मैदान में उतर पड़ें
हैं। नेताओं ने अपनी बेहयाई को हर बार की तरह दोहराते हुए इस मामले पर सियासत करते हुए आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री रहने पर नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के मुद्दे पर कई बार मनमोहन सिंह को आड़े हाथों लिया था। 2014 के चुनाव में 56" की छाती दिखाकर जनता से तालियाँ बटोरने वाले और फिर भारत के प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाले श्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तानी नीति बिन पेंदी के लोटे की तरह ही कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ दरकती रहती है।

उरी हमले के बाद भारत के कई कोनों से पाकिस्तान के साथ सीधा युद्ध करने के लिए आवाज बुलंद हो रही है। परंतु आर - पार की लड़ाई में सैनिकों की जान के अलावा भी कई नुकसान होता है। उदारहण के लिए सरकार पर युद्ध उपयोगी संशाधनो का इंतजाम करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। युद्ध से महंगाई भी बढ़ती है और ही विदेशी व्यापार में इसका सीधा असर पड़ता है।

सैनिकों की जान और युद्ध के अन्य दुष्परिणामों से बचने के लिए क्या हमें युद्ध से बचना चाहिए और पाकिस्तान को मनमानी करते रहने देना चाहिए?

उत्तर है नहीं, लेकिन पाकिस्तान को उसकी औकात में रखने के लिए हमें अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसका बहिष्कार करने के साथ - साथ गोरिल्ला नीति बनाकर पाकिस्तान में जगह - जगह चल रहें आतकंवादी ठिकानों को ध्वस्त करना होगा। पाकिस्तान में आतंकवाद जिन लोगों की सरपरस्ती में पनप रहा है उन्हें एक - एक करके समाप्त करना होगा और यह नीति युद्ध से अधिक कारगर साबित होगी।

गोरिल्ला नीति बनाकर पाकिस्तान की कमर तोड़ने से भारत युद्ध के होने वाले दुष्परिणामों और सैनिकों की क्षति को कम से कम कर सकता है पंरतु चुप रहकर बिना एक भी गोली चलाये यदि भारत इस मामले का हल सोचता है तो हम सब शेखचिल्ली का हसीन सपना देख रहें हैं।

No comments:

Post a Comment

Tricks and Tips