badge पुरानीबस्ती : ​बस्ती का खयाल ​
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

​बस्ती का खयाल ​

पुरानी बस्ती का ख़याल समाज में व्याप्त सामाजिक व्यवस्था और रूढ़िवादी पंरपराओं को देखकर आया। इन सामाजिक व्यवस्था और रूढ़िवादी पंरपराओं पर आघात करना और लोगो को परिवर्तन के लिए प्रेरित करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। पुरानी बस्ती अपने व्यंग और कविताओ के माध्यम से कुरीतियों और असंगतियों के ऊपर व्यंग करती है।समाज की विसंगतियों कि बात हो तो राजनीति पर चर्चा होना जरूरी है इसलिए पुरानी बस्ती का एक हिस्सा राजनीति का भी है। मैं जानता हूं की कई लोग राजनीति पसंद नहीं करते लेकिन राजनेताओ को दोष देते रहते है। प्रयत्न करूंगा की पुरानी बस्ती के माध्यम से आप को अपने देश की राजनीति में सक्रिय कर सकू। 

पुरानी बस्ती ही क्यों ? समाज में आज भी पुरानी परंपराओं के अनुसार जात - पात व्याप्त है।  विज्ञान ने तरक्की कर ली लेकिन कुछ लोगो की सोच आज भी पुरानी बांतो पर रुकी है इसलिए पुरानी सोच को बदलने के लिए और उस पर नए सिरे से विचार करने के लिए मैंने पुरानी बस्ती का नाम चुना। इसलिए पुरानी बस्ती के घर आपको को रंग बिरंगे दिखते है। पुरानी बस्ती के सड़क पर लगी लाइट आपको हर बात पर एक नए तरीके से प्रकाश डालने के लिए कहती है। नारियल के पेड़ आपको ये बताते है की आपका जीवन उसकी तरह होना चाहिए। नारियल का पेड़ आपको नारियल पानी और फल देता है और उसकी सुखी पत्तियों से आप झाड़ू बनाकर समाज की गंदगी साफ करते हो। नारियल का फल अंदर से नरम और बाहर से कठोर होता है जो आपको जीवन का एक पाठ पढ़ता है। 

पुरानी बस्ती में कौआ एक बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। कौआ जब कांव कांव करता है तो उसकी आवाज किसी को नहीं पसंद आती है, परंतु वही कौआ समाज की गंदगी को खाकर हमारे पर्यावरण को साफ रखता है। व्यंग का काम भी वही है, व्यंग अक्सर लोगो को नाराज कर देता है। कभी कोई किसी नाम के व्यंग पर आहात हो जाता है, कभी कोई किसी धर्म के नाम पर आहत हो जाता है, कभी कोई भगवान के जिक्र से आहत हो जाता है। व्यंग लोगो को आहत करता है लेकिन व्यंग आपको समाज की गलतिया बताता है जिसे आप नजर अंदाज करना चाहते है। इसलिए पुरानी बस्ती के रास्ते में आपको कौआ बैठा दिख जाएगा और न चाहते हुए भी व्यंग आपको आहत करता रहेगा।  


यदि आप व्यंग और राजनीती से हटकर कुछ अलग पढ़ना चाहते है है तो मैंने मेरी कुछ मीठी-मीठी और भीनी-भीनी यादो में से कहानियाँ और कविताए पिरोई है, यहाँ सब कुछ अलग है, शोर-गूल से दूर यहाँ आपको हर व्यक्ति प्यार से बात करते हुए मिल जाएगा। याद रखना बस्ती उसके रहने वालो और राहगीरों से बनती है, आप जैसा व्यवहार करेंगे आपकी बस्ती वैसी ही बन जाएगी। मेरी पुरानी बस्ती में आप सभी का स्वागत है। उम्मीद करता हूँ की यहाँ बिताया हर एक पल आपकी जिंदगी में नई खुशी लेकर आएगा।

आपका प्यारा
पुरानी बस्ती का राहगीर

No comments:

Post a Comment

Tricks and Tips