कहते हैं की मनुष्य अपने पुराने जन्मों के कर्मों का फल इस जन्म में भोगता है। कई लोग इस बात को सत्य नहीं मानते लेकिन अश्विनी वैष्णव को एक बार पुनः रेल मंत्रालय मिलने से इस बात पर लोगों को यकीन हो जाना चाहिए कि वैष्णव साहब ने पिछले जन्मों में गाय के बच्चों की खूब सेवा की थी, शुक्र है कि उस युग में रेल नहीं रही होगी अन्यथा रेल मंत्रालय तो दूर, इस जन्म में वैष्णव साहब का घर नालासोपारा में होता।
वंदे भारत और रील बनाकर चमके वैष्णव साहब ने रील मंत्री बनते ही, क्षमा करें रेल मंत्री बनते ही दूरंतो रेल की तरह ही हर मार्ग पर शौचालय स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। शौचालय विशेष ट्रेनों में हर बोगी के अंदर सिर्फ और सिर्फ शौचालय लगे होंगे, इसमें स्लीपर या चेयर कार की कोई सुविधा नहीं होगी, जिससे यात्रियों के शौचालय में खड़े होकर यात्रा करने के सुख को अदभुत बनाया जा सके।
वैष्णव साहब के मंत्रालय से मिली सूत्रों की जानकारी के हिसाब से, शौचालय विशेष ट्रेनों में सीनियर सिटीजन कन्सेशन या किसी भी अन्य तरह का कन्सेशन नहीं मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ टिकटों की कीमत डायनामिक प्राइस के हिसाब से तय होगी, जिसका मतलब है कि मुंबई - दिल्ली शौचालय विशेष ट्रेन के फर्स्ट एसी शौचालय का लुत्फ आप ५००० से ६००० रुपए तक का किराया देकर भी उठा सकेंगे और पैसे वाले भी इस ट्रेन से यात्रा करके रील बनाकर व्हास्टप स्टेट्स लगा सकेंगे।
वहीं मुंबई लोकल के यात्रियों ने वैष्णव साहब के इस नए कदम की तारीफ की है और कहा है कि मुंबई लोकल में पशुओं की तरह यात्रा करते हुए वो लोग ऊब गए हैं और उन्हें भी शौचालय विशेष लोकल ट्रेन चाहिए, वैसे भी एसी लोकल में उन्हें चढ़ने नहीं मिलता।
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