badge पुरानीबस्ती : #कविता - वो जो एस्ट्रोनॅाट चांद से आए हैं
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Sunday, February 22, 2015

#कविता - वो जो एस्ट्रोनॅाट चांद से आए हैं




जब आप किसी से प्यार करते है तो उस व्यक्ति के बारे में कोई लाख बुराई कर ले आप उसे मानने को तैयार नहीं होते है। इस बात को एक वाकिये के तौर पर पेश कर रहा हूं। 



















वो जो एस्ट्रोनॅाट

चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

कोई बता दो उनको 
कोई बता दो उनको 
मेरा चांद कैसा दिखता है,
कभी देखना पूनम की रात में,
एक धुंधली धुंधली सी
छवि नजर आएगी,
जैसे कोई बच्चा मां
से लिपटा हो।
वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

कहते हैं चांद मरुस्थल हैं,
अरे मैंने तो कई रातें
चाँद के पानी से 
पीकर गुजार दी,
एक रात बाढ़ आ गई
चांद पर,
सुबह गीला तकिया
मैं ने धूप में सूखाया था,
वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

चांद की बदलती
चांदनी से कई दिल जुड़े हैं,
वो चांद की अठखेलियों को 
कोई विज्ञान बताते हैं,
कहते हैं एक उपग्रह है
अरे हम तो बचपन 
से मामा कहते हैं,
वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

वो जो शरमा के
पल भर के लिए
छुप जाता है,
उसे ए चंद्र पर
ग्रहण कहते हैं,
उन्हें क्या पता
कैसे गुजारता हूं मैं
अमावस की रातें
बिना उसके,
वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

मुझे लगता किसी
गलत पते पर चले गए थे,
ए एस्ट्रोनॅाट,
और
चांद से है
इनकी पुरानी दुश्मनी 

इसलिए सारा दोष चांद को देते हैं,
वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

वो जो एस्ट्रोनॅाट
चांद से आए हैं,
पता नही कहा से 
झूठी तस्वीरें लाए हैं,

10 comments:

  1. यान जरूर गलत ट्रेजेक्ट्री पर चला गया रहा होगा। इंजन के सॉफ्टवेयर में कविता नहीं रही होगी। नासा मेँ कवि नहीं हैं शायद।

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    1. कुछ भी हो सकता है सर, फ़िलहाल ये सही है की एक बार जो हमें पसंद आ गया तो लाख लोगो के बुराई बाने पर भी हमें उसमे कुछ बुरा नहीं दीखता

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  2. बहुत बढिया लिखा है बंधु। विज्ञान कहाँ समझता है भावनाएँ और न ही भावनाओं को विज्ञान से कोई मतलब।

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    1. जी, और हम भी अब धीरे धीरे भावनाओं से मतलब रखना छोड़ रहे हैं

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  3. बहुत सुंदर.हम कई बार किसी विषय में काल्पनिक छवि बना लेते है और जब हकीकत से सबका पड़ता है तो मायूसी होती है.
    नई पोस्ट : क्यों वादे करते हैं

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    1. और कई बार हम उस काल्पनिक छवि को छोड़ना भी नहीं चाहते हैं

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  4. Replies
    1. धन्यवाद - आते रहिये ऐसे ही नया पढने को मिलता रहेगा

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  5. Replies
    1. धन्यवाद - आते रहिये ऐसे ही नया पढने को मिलता रहेगा

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