badge पुरानीबस्ती : #व्यंग्य - बोलो बेटा पाकिस्तान #जयहिन्द
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Sunday, February 15, 2015

#व्यंग्य - बोलो बेटा पाकिस्तान #जयहिन्द




संदीप तिवारी नाम तो याद है मुझे! संदीप दिनभर हम लोगो के साथ चौराहे पर खड़ा होकर टाइम पास करता रहता था। हम लोग संदीप के बड़े भाई को अपने साथ खड़ा नही करते थे इसलिए वो संदीप को भी हम लोगो के साथ खड़ा रहने के लिए मना करता था। लेकिन हमारी संगति की बूटी पीनेवाला कभी हमसे अलग नही खड़ा हो सकता है।


संदीप के भाई ने अपने पिताजी को हम लोगों के बारे गलत-सलत कहानी सुना दी। अब उसके पिताजी की नजरों में हम सब आवारा टाईप के लड़के थे इसलिए संदीप के पिताजी ने उसे हमारे साथ खड़ा होने से मना कर दिया। संदीप जब कभी अपने भाई और पिताजी को कही से आता देखता तो भाग कर कल्लू की दुकान पर चाय और समोसे खाने लगता।

ए लुक्का छीप्पी का खेल प्रतिदिन दोहराया जाता था। एक दिन अवनीश ने संदीप से कहा क मिरींडा(यदि आप लोग को याद होगा तो १९९६ के करीब मिरींडा का नया ऐड आया था जिसमें तीन टकले रहते हैं और उसी समय संदीप अपने दोनो भाई के साथ टकला हुआ था इसलिए लोग उसे मिरींडा कहत था) कब तक बाप- भाई से डरकर छिपता रहेगा। अब समय आया कि विरोध शुरू होना चाहिए।

कल भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले में संदीप(मिरींडा) की कहानी याद आ गई। अवनीश के चढ़ाने पर संदीप अपने बाप के सामने विद्रोह करने पहुंचा लेकिन उसका बाप भी गैंग ओफ वासेपूर का रामधीर सिंह निकला, तो रामधीर सिंह रूपी बाप ने संदीप की बहुत तुड़ाई की और बताया कि १९९६ के विश्वकप मे पाकिस्तानी क्रिकेट टीम बहुत उड़ी मार रही थी। उन लोगो का मानना था कि शुक्रवार जुम्मे का दिन है तो वो नही हारेंगे लेकिन अपने जडेजा ने उन्हें कुत्तों की तरह पीटा। 

रामधीर सिंह रूपी बाप संदीप की तुड़ाई करते करते बोला,"बोलो बेटा पाकिस्तान जय हिन्द!" कल के क्रिकेट मैच में मैदान पर जो मुकाबला था उसका प्रतिरूप ट्विटर पर भी चल रहा था, हर चौकों-छक्को पर तालियाँ और विकेट पर पर गालियाँ। उसके साथ ही ट्विटर पर पहले हिंदी हैशटैग जय हिन्द को ट्रेंड करवाने का जुनून। आखिरकार भारत जीत गया और  जय हिन्द भी ट्रेंड हो गया।

अब से उम्मीद रहेगी कि पाकिस्तान ए ना भूले कि भारत उसका बाप है। इसलिए बोलो बेटा पाकिस्तान जय हिन्द !



अगले सोमवार फिर मिलेंगे एक नयी रचना के साथ। आप यदि किसी मुद्दे पर व्यंग्य पढ़ना चाहे तो हमें जरूर सुझाव दे। 

2 comments:

  1. हाहाहा! बहुत मजेदार व्यंग्य लिखा है. विशेषकर वह मिरिंडा की ऍड याद दिल दी तो दिल कुलांचे मारता हुआ बचपन में चला गया। मुझे तो लगा की अब तो सब भूल गए होंगे उस ऍड को, लेकिन आपकी लेखनी के माध्यम से यादें फिर से ताज़ा हो गयीं।

    बाकी बात तो आपने बिलकुल सही कही है व्यंग्य में कि बाप बाप होता है और बेटा बेटा। मुझे लगता है की अब तक तो पाकिस्तान को भी ये बात ठीक तरह से समझ चुकी होगी।

    मैंने आपके लेख में कुछ त्रुटियाँ चिन्हित की हैं, जिन्हें मैंने सुधारने का प्रयास किया है। संशोधित लेख मैं नीचे संलग्न कर रहा हूँ। अगर आपको ठीक लगे तो संशोधन स्वीकार कर लीजियेगा।

    आपकी शैली बहुत रोचक है। आपसे अनुरोध है की इसी प्रकार लिखते रहें और इससे भी बेहतर लिखने का प्रयास करते रहें।

    शुभकामनाएं...
    जय हिन्द!
    :)

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    "संदीप तिवारी नाम तो याद है मुझे! संदीप दिन-भर हम लोगों के साथ चौराहे पर खड़ा होकर टाइम पास करता रहता था। हम लोग संदीप के बड़े भाई को अपने साथ खड़ा नहीं करते थे इसलिए वो संदीप को भी हम लोगों के साथ खड़ा रहने के लिए मना करता था। लेकिन हमारी संगति की बूटी पीने वाला कभी हमसे अलग नहीं खड़ा हो सकता है।

    संदीप के भाई ने अपने पिताजी को हम लोगों के बारे में गलत-सलत कहानी सुना दी। अब उसके पिताजी की नजरों में हम सब आवारा टाईप के लड़के थे इसलिए संदीप के पिताजी ने उसे हमारे साथ खड़ा होने से मना कर दिया। संदीप जब कभी अपने भाई और पिताजी को कहीं से आता देखता तो भाग कर कल्लू की दुकान पर चाय और समोसे खाने लगता।

    ये लुक्का-छीप्पी का खेल प्रतिदिन दोहराया जाता। एक दिन अवनीश ने संदीप से कहा कि मिरींडा (आप लोगों को शायद याद होगा १९९६ के करीब मिरींडा का नया ऍड आया था जिसमें तीन टकले रहते हैं और उसी समय संदीप अपने दोनों भाइयों के साथ टकला हुआ था, इसलिए लोग उसे मिरींडा कहते थे), कब तक बाप-भाई से डरकर छिपता रहेगा। अब समय आया कि विरोध शुरू होना चाहिए।

    कल भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले में संदीप (मिरींडा) की कहानी याद आ गई। अवनीश के चढ़ाने पर संदीप अपने बाप के सामने विद्रोह करने पहुंचा लेकिन उसका बाप भी गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का रामाधीर सिंह निकला, तो रामाधीर सिंह रूपी बाप ने संदीप की बहुत तुड़ाई की और बताया कि १९९६ के विश्वकप में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम बहुत उड़ी मार रही थी। उन लोगों का मानना था कि शुक्रवार जुम्मे का दिन है तो वो नहीं हारेंगे लेकिन अपने जडेजा ने उन्हें कुत्तों की तरह पीटा।

    रामाधीर सिंह रूपी बाप संदीप की तुड़ाई करते करते बोला, "बोलो बेटा पाकिस्तान जय हिन्द!" कल के क्रिकेट मैच में मैदान पर जो मुकाबला था उसका प्रतिरूप ट्विटर पर भी चल रहा था, हर चौकों-छक्को पर तालियाँ और विकेट पर गालियाँ। उसके साथ ही ट्विटर पर पहले हिंदी हैशटैग "जय हिन्द" को ट्रेंड करवाने का जुनून। आखिरकार भारत जीत गया और "जय हिन्द" भी ट्रेंड हो गया।

    अब से उम्मीद रहेगी कि पाकिस्तान ये ना भूले कि भारत उसका बाप है। इसलिए बोलो बेटा पाकिस्तान जय हिन्द!

    अगले सोमवार फिर मिलेंगे एक नयी रचना के साथ। आप यदि किसी मुद्दे पर व्यंग्य पढ़ना चाहें तो हमें जरूर सुझाव दें।"

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