मुंबई की सबसे शापित सड़क जो दहिसर में स्थित है और SN दुबे रोड के नाम से जानी जाती है, उस समय पगला गई जब उसे पता चला कि अंततः उसके ऊपर कहीं भी खुदाई नहीं चल रही है और २ इंच मोटा गरमा - गरम टार डालकर उसे एकदम सरपट बना दिया गया है। सड़क की आत्मा ने अपने पूर्वजों के साथ - साथ गाँधी जी को भी इस बात का धन्यवाद दिया कि यदि १९४७ में अंग्रेजो को भारत से ना भगाते तो शायद १९५० तक ही अंग्रेजों ने सड़क पॉटहोल मुक्त कर दिया होता और फिर राहगीरों की कमर तोड़ने और गाड़ियों के एक्सीडेंट करने का पुण्य काम सड़क के सौभग्य में नहीं होता। सड़क की आत्मा ने रास्ते पर चलनेवालों से निवेदन किया है कि BMC के ऑफिसरों को सम्मानित करने के लिए उनकी शोभा यात्रा निकालना चाहिए और यदि कहीं से गदहा मिले तो उन्हें गदहे की सवारी करवानी चाहिए।
वहीं SN दुबे रोड पर स्थित एक सरकारी महिला प्रसूति हॉस्पिटल ने बिना पॉटहोल की सरपट सड़क बनाए जाने का विरोध किया है। हॉस्पिटल स्टाफ का कहना है कि पहले प्रेग्नेंट महिलाएं यहाँ ऑटो में बैठकर आते - आते ही सड़क की पॉटहोल डिज़ाइन के कारण रास्ते में ही बेबी डिलीवरी कर देती थीं और उन्हें हॉस्पिटल में मटर छिलने के साथ - साथ व्हाट्सएप्प पर टाइम पास का समय भी मिल जाता था लेकिन अब हर महिलाएं बिना पॉटहोल से जूझे हॉस्पिटल आ रही हैं और हॉस्पिटल स्टाफ को बेबी डिलीवरी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ रही हैं।
मछली पकड़ने वाले और बेचनेवालों ने भी सड़क को इस तरह पॉटहोल मुक्त सड़क बनाए जाने का विरोध किया है। एक मछुआरे ने यहाँ तक कहा कि पहले बरसात के मौसम में सड़क के पॉटहोल में लाखों रुपये के मछली पालन का व्यवसाय चलता था और इस तरह सरपट सड़क बना देने से मछली व्यवसाय को एक बड़ा झटका लगा है। SN दुबे रोड पर बने गढ्ढों से कई अगल - बगल के जिलों को पानी की आपूर्ति की जाती थी और अब उन जिलों को पानी संकट का सामना भी करना पड़ सकता है। सड़क पर चल रहे एक व्यक्ति ने तो यहाँ तक कह दिया कि सड़क इतनी सपाट हो गई कि इसे जेट प्लेन लैंडिंग के प्रयोग में लाया जा सकता है, जिससे अगल - बगल के निवासियों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
वहीं पंजाब के किसानों ने कहाँ कि धान की खेती के लिए पानी से भरे पॉटहोल बहुत जरुरी हैं और पॉटहोल से मुक्त सड़क बनाकर सरकार ने किसानों के ऊपर अन्याय किया है और वो इस के खिलाफ दिल्ली में चक्का जाम करेंगे और प्रधानमंत्री की प्रतिमा बनाकर उसे आग लगाकर, रावण दहन का सिंबॉलिक परफॉरमेंस देंगे और जरुरत पड़ी खुद ट्रैक्टर ले आकर सड़क पर पॉटहोल बनाएंगे। जब पंजाबी किसानों को बताया गया कि यह सड़क महाराष्ट्र में पड़ती है और उस सड़क ओर कभी धान की खेती नहीं हुई है तो किसानों ने बतानेवाले को "जो बोले सोनिहाल, सत श्री अकाल" बोलकर दौड़ा लिया।
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