मुंबई में इस बार मुंबई लोकल से काम पर जानेवालों के लिए मई का महीना बहुत ही अच्छा रहा। इस महीने में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी के चलते लोगों को लगातार खली मुंबई लोकल में यात्रा करना पड़ा।
बच्चों की छुट्टियों में मुंबईकर के बाहर जाने के बाद मुंबई की सड़को और खास करके मुंबई लोकल में भीड़ की बहुत कमी हो गई। इसी दौरन मिस्टर कप्तान जो एक बड़ी कंपनी में सिक्युरिटी में काम करते हैं और नालासोपारा में रहते हैं, उन्हें काम से छुट्टी नही मिली। सप्ताह भर खाली लोकल में यात्रा करने के बाद सोमवार को मिस्टर कप्तान को हॅास्पिटल में सीने के दर्द की शिकायत के कारण भर्ती करना पड़ा।
हमारे पत्रकार ने जब मिस्टर कप्तान से बात की तो उन्होंने बताया कि मुंबई लोकल में भीड़ की कमी के चलते वो बीमार हो गए। जब उन्हें इस मुद्दे पर प्रकाश डालने को कहा गया तो उन्होंने बताया कि भीड़ की कमी के कारण उनका रोज का मुंबई लोकल मसाज बंद हो गया। सप्ताह भर की यात्रा में ना कोई उन्हें आगे से दबाने के लिए था और ना कोई पीछे से दबाने के लिए था।
मिस्टर कप्तान का कहना है कि भीड़ के बीच में ना दब पाने के कारण उन्हें उस हवा की कमी भी हो गई जो लोगों के कखौरी(बगल) से निकलकर उन्हें स्फूर्ति वर्धक बनाए रखती थी। वही लोकल से उतरने के लिए आप ट्रेन रुकने का इंतजार कर सकते थे, जिससे उनका रोज चलती लोकल से कूदने का व्यायाम भी बंद हो गया।
इस खबर के छपने तक मिस्टर कप्तान हॅास्पिटल से निकलकर सीधे मुंबई लोकल पकड़ने निकल चुके थे, उनका मानना है कि आज नालासोपारा से चर्चगेट लोकल पकड़ने के बाद उनकी सारी तकलीफ दूर हो जाएगी।
हा हा!!! सही व्यंग. नालासुपारा से चढ़ते हुए कप्तान साहब को इस बात का भी दुःख रहा होगा कि अब उन्हें नालासोपारा से विरार सीट के लिए नहीं जाना पड़ता. नालासोपारा में ही सीट मिल जाती थी. :-p :-p
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