पुरानीबस्ती पर लिखे गए सभी व्यंग्य, लेखक की कल्पना है. इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति अथवा प्रभु नाम के साथ समानता, मात्र एक संयोग है। हमें क्षमा करें। _/\_ जय श्री राम 

व्यंग्य / हास्य

व्यंग्य की भाषा हमेशा से लोगों को पसंद है परन्तु उन लोगो को नहीं पसंद है जिनके ऊपर व्यंग्य लिखा जाता है। पुरानी बस्ती में अफ़वाहें, आंधी से ज्यादा जोर से चलती है और पेड़-मकान उड़ा ले जाती है। उन अफ़वाहों और व्यंगो को हमने यहाँ सरल भाषा में पिरो के आप के सामने पेश किया है जिनसे सामाजिक और व्यवहारिक ताना बाना बिगड़ सकता है। 
पुरानी बस्ती के सभी व्यंग्य काल्पनिक है और हमारा किसी भी प्रकार से किसी की भावना को आहत करने का उद्देश्य नहीं है। बस्ती के किसी भी पात्र को आप वास्तविक दुनिया से जोड़कर न देखे।

आपका प्यारा
पुरानी बस्ती का राहगीर

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