न्यूज़ स्टूडियो का महौल पूर्णतः शांत था, या फिर यो कहे कोई आग लगाने वाली खबर के ना चलते हर तरफ उदासी छाई हुई थी। चैनल के एडिटर के पास कुछ ढंग का काम नही था इसलिए सभी कर्मचारियों को बुलाकर डांट लगा रहा था। सभी पत्रकार, कैमरामैन मन ही मन भगवान से स्वयं को बचाने के लिए चमत्कार की कामना कर रहें थे।
तब तक एक व्यक्ति जोर से चिल्लाते हुए न्यूज़ रूम में दाखिल हुआ।
"सर मजा आ गया, अभी अभी मुंबई लोकल के अलग अलग स्टेशन पर सात ब्लास्ट हुए हैं।"
एडिटर झट से अपने चेयर पर से कूद पड़ा,"क्या बात कर रहे हो? भगवान का लाख लाख शुक्र है कि ये ब्लास्ट हो गया। अगले सप्ताह इनवेस्टर मीटिंग में मुझे इस महीने की टीआरपी रेटिंग के गिरते सवाल पर कई जवाब देने थे। जिन लोगों ने भी ये हमला किया है भगवान उनके परिवार को सलामत रखे और उस बंदे को धन संपदा की कभी कमी ना हो, भगवान उसे जन्नत नसीब करे।"
एडिटर साहब ने सभी को फटाफट वार रूम में आने को कहा। "हर स्पॅाट के लिए दो ओबी वैन भेजो।"
"सर हमारी ७ ओबी वैन आज विकलांग लोगों के ऊपर आधारित एक कार्यक्रम को कवर करने गई है क्योंकि वहां बहुत बड़े बड़े नेता और अभिनेता आने वाले हैं।"
"अरे अब ब्लास्ट होने के बाद सबसे पहले बिल में छिपने वाले लोग नेता और अभिनेता ही हैं, अब कोई उस कार्यक्रम में नही आएगा और वैसे भी विकलांगों की सफलता से आसान मरे लोगों की लाश बेचना है।"
"सर सभी वैन को स्पॅाट पर भेज दें?"
"नही, नही एक काम करो एक ओबी वैन को किसी आतंकवादी से सहानुभूति रखने वालों के पास भेजो और उनसे बयान लो की ''आतंकवादी भी इंसान होता है वो जो कुछ कर रहा है किसी के बरगलाने पर कर रहा है।"
एडिटर साहब ने अपनी बात जारी रखी,"एक ओबी वैन को किसी कट्टर हिंदू नेता के यहाँ भेजो और एक काम करो वो योगी
नाथ के यहाँ भेजो वो पहले भी बहुत बार विवादास्पद बयान दे चुका है और वो जो भी कहे उसके बयान में
१- मुस्लिम
२-आतंकी
३-मुसलमानों
४-देश
५-खतरा
ये शब्द होने चाहिए और फिर इन शब्दों को जोड़कर फ्लैश न्यूज़ चलाओ की योगीनाथ ने कहा "सभी मुस्लिम आतंकवादी होते हैं और मुसलमानों से इस देश को खतरा है।"
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"सर अभी अभी पता चला कि सभी जगहों के ब्लास्ट में एक भी व्यक्ति की मौत नही हुई है और जो हताहत हुए हैं उन्हें भी छोटी मोटी चोट आई है।"
एडिटर साहब ने चिल्लाते हुए कहा, "भगवान को भी हमारी खुशी अच्छी नही लगती है। कुछ लोग मर जाते तो भगवान का क्या जाता है वैसे भी बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए एक बड़ी समस्या है और यदि कोई बाहर का आतंकवादी आकर उस समस्या को हल करने में मदद कर रहा है तो हम भावुक हो जाते हैं और कभी काल तो सड़क पर उतरकर कैंडल मार्च करते हैं। यदि कैंडल मार्च करना है तो शेरो के लिए करो उनकी आबादी घट रही यदि वो विलुप्त हो गए तो हमारे बच्चों को शेर देखने के लिए नही मिलेगा।"
न्यूज़ रुम में फिर से सन्नाटा छा जाता है। ये पूरी घटना वास्तविक समय में सिर्फ ३ मिनट में पूरी हो जाती है।
इस रचना पर आपकी टिप्पणी जरूर दे। हर सोमवार/गुरुवार हम आपसे एक नया व्यंग्य/कविता लेकर मिलेंगे।
भाई बहुत ही उम्दा। ऐसा लग रहा था मानो सच मे सामने कोई कहानी चल रही हो। टी.वी. का शोर भी मुझे इसे पढ़ने से विचलित न कर सका। _/\_
ReplyDeleteअचछा एक बात बताइए, कल कोई कह रहा था कि पुरानी बस्ती के लेख 4-5 लोग मिलकर लिखते हैं, क्या ये बात सच है??
भाई अपने घर का पता दे दे, वहां आकर आपको सम्मान देना चाहता हूँ।
Deleteवास्तविकता का यतार्थ चित्रण। बहुत खूब।
ReplyDeleteवास्तविकता का यतार्थ चित्रण। बहुत खूब।
ReplyDeleteधन्यवाद
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