मुंबई शहर में एक मस्जिद पर लगे हुए लाउड स्पीकर ने उस वक़्त आत्महत्या करने का निर्णय लिया जब उसके होने वाले ससुर ने उसे दहेज़ में एक भी रूपया देने से मना कर दिया। ससुर जी का मानना है कि दामाद लाउड स्पीकर का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले और विवादों के चलते अंधकार में दिख रहा है। और वो तो अब अपनी बेटी हेड फ़ोन बानो के लिए दूसरा रिश्ता भी देख रहें हैं।
लाउड स्पीकर ने अपनी आत्मकथा का बयान करते हुए कहा - वो पहले संकटमोचन मंदिर के ऊपर लगा था और दिन रात भगवान हनुमान की चालीसा पढ़ता था कि तभी एक दिन हिंदू - मुस्लिम रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए, महंत साहब ने उसे उतरवाकर मस्जिद वालों को उपहार में दे दिया।
मस्जिद पर लगने के बाद, कुछ दिनों तक उसे नई भाषा और नई प्रार्थना सीखने में समय लगा लेकिन वो जल्द ही दिन में पांच बार फर्राटे से अज़ान पढ़ने लगा। अपनी दहशत का बखान करते हुए उसने कहाँ कि यहाँ भी मोचन मंदिर की तरह वो सप्ताह में एक दिन लोगों में अपना भौकाल दिनभर बना कर रखता था।
उसके ससुर ने उसके इसी भौकाल को देखकर उससे अपनी बेटी हेड फ़ोन बानो का विवाह तय किया था लेकिन पास ही के एक उठाई गिरे स्पीकर ने लोगों में हल्ला कर दिया कि लाउड स्पीकर किसी भी वक़्त मस्जिद से उतारा जा सकता है। लाउड स्पीकर ने बुलंद आवाज में कहा कि, "वो अब धर्म - मजहब से जुड़ गया है इसलिए लोग अपनी जान दे देंगे लेकिन उसपर आँच नहीं आने देंगे।"
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