ईदगाह |
प्रेमचंद की उर्दू में लिखी सुप्रसिद्ध कहानी ईदगाह और उसका किरदार उन सभी दिलों में अपनी जगह रखता है जिन्होंने प्रेमचंद को पढ़ना पसंद किया है। जब प्रेमचंद इस कहानी को लिख रहें थे तब मैं उनके साथ मौजूद था। अब आप मुझसे मेरी उम्र पूछेंगे, तो जनाब मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि उस वक़्त मैं १३५ साल का हो चूका था। मेरी पत्तिया झड़ रही थी और मैं कमजोर हो रहा था। गांववाले मेरी लकड़िया काट काटकर या तो अपना घर बना रहे थे, या मुझे चूल्हे में झोक रहें थे।
अब मैंने पुनर्जन्म लिया और नालासोपारा में रहता हूँ। आज जब मैंने सोशल मीडिया पर हामिद के चरित्र को लेकर सवाल उठते हुए देखा तो मुझे एक बार तो लगा की मैं स्वप्न में हूँ। कैसे कोई इतने महान लेखक के किरदार का इस तरह मजाक उड़ा सकता है। फिर याद आया..
आह लाइक और रिट्वीट पाने के लिए समाज में लोग कुछ भी करने को तैयार हैं, चाहे वो राम को दोषी बताना हो या फिर रावण को एक महान पंडित बताना हो। स्वयं प्रेमचंद ने भी अपने किरदारों को इस तरह ट्रोल किए जाने के बारे में नहीं सोचा होगा।
जिस तरह बनवास से लौटने के बाद धोबी ने माँ सीता की पवित्रता पर आरोप लगाए थे, उसी तरह ट्विटर पर लालिया नाम के जयपुरी गल्ली के छोटे डॉन ने हामिद पर कई आरोप लगाए जैसे की,
"लालिया ने हामिद से पूछा, "भाई चिमटा क्यू लाया था बचपन में कुछ खा लेता,तो हामिद बोला मुझे चिकन खाना था पर मेले में मिठाई ही थी!" जिससे लालिया ने यह निष्कर्ष निकाला की यदि मेले में चिकन मिल जाता तो हामिद अपने दादी के प्यार को भूलकर चिमटा खरीदने की जगह चिकन खा लेता। लालिया का मानना है कि वो अपने घर में बिना चिमटे के रोटी बनाता है तो फिर हामिद और उसकी दादी को चिमटे से ही रोटी क्यों बनानी थी?
वो तो अच्छा है की उस वक़्त मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं थे अन्यथा हामिद के मिठाई ना खाने का आरोप उसकी दादी मोदी जी पर यह बोल कर लगा देती कि गरीब मुसलमान को मिठाई खाने से रोका जा रहा है।
लालिया का मानना है की हामिद बहुत पैसे वाला था, उसके पास एक साइकिल भी थी, जिसे चलाकर वो मेला देखने गया था और फेसबुक और ट्विटर पर अपनी दादी और चिमटे वाली कहानी लिखकर रिट्वीट और लाइक बटोरने के लिए सारा नाटक कर रहा था। और यदि उसे दादी की इतनी चिंता थी तो वो स्वयं रोटियाँ क्यों
नहीं बनाता था, या फिर पंचर बनाने की दुकान क्यों नहीं खोली हामिद ने?
लालिया के सवालों ने सोशल मीडिया पर उन सभी के चेहरों को बेनकाब कर दिया है जो गरीब बच्चों, भीख माँगते लोग और बूढ़े माँ - बाप पर ट्वीट और शायरी बनाकर रिट्वीट कमाते हैं। लालिया के प्रेमचंद के किरदार पर लिखे ट्वीट के बाद, प्रेमचंद समर्थकों ने मुँह लालिया का चेहरा काला करके गधे पर बिठाकर उसकी सवारी
जयपुर के भरे बाजार में निकाली।
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