सुन हमला देश के ऊपर,
बंदुक उठा चल देता हूं,
है मौत का गम किसको,
मैं खून धरा को देता हूं,
है कफ़न सर पे तना हुआ,
दिल में देशप्रेम भर लेता हूं,
दुश्मन को अपनी चीख से
राख में ध्वस्त कर देता हूं,
लौटता हूं तमगा वीरता का लेकर,
कभी जान देश पर देता हूं,
कभी डरना नहीं मेरे देश के लोगो,
मैं पहरा सरहद पर देता हूं,
सुन हमला देश के ऊपर,
बंदुक उठा चल देता हूं,
है मौत का गम किसको,
मैं खून धरा को देता हूं,
- भारत का सैनिक
इस रचना पर आपकी टिप्पणी जरूर दे। हर सोमवार/गुरुवार हम आपसे एक नया व्यंग्य/कविता लेकर मिलेंगे।
सुंदर कविता। भारतीयों के दिल में देशप्रेम जग देनेवाली कविता।
ReplyDeleteइस कविता के लिए आपको बधाई।
धन्यवाद
Deleteहमारे सैनिक सीमा पर हर तकलीफ को सहकर भी हमे चैन से सोने लायक माहौल देते हैं. ऐसे में ये कविता उनके मनोबल और उनके प्रति हमारे कर्त्तव्य का बोध कराती है. अच्छी कविता के लिए बधाईयां.
ReplyDeleteTweet: https://twitter.com/piyushkaviraj
यहाँ पर आप आम लोगों की आलोचना कर रहे हैं या बुराई? ;)
Deleteभारत देश के वीर सैनिकों को शत शत नमन। उनकी शहादत का यह देश कर्जदार है। आज हम अपने घरों में निश्चिंत होकर सांस ले पा रहे हैं इनकी वजह से। इनके परिवार का सदस्य होना ही मेरे लिए भी गर्व की बात है। आपका इस कविता के माध्यम से उनको श्रद्धांजलि देने का प्रयास अति उत्तम है। शुभकामनायें।
ReplyDelete-ज्योत्सना खत्री
धन्यवाद
Deleteबहुत बढ़िया ~ एक ट्वीट ____
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteइस कविता के लिए आपको बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत बढ़िया रचना.
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteBahut badhiya bhai, very well written... and I just loved these lines
ReplyDeleteदुश्मन को अपनी चीख से
राख में ध्वस्त कर देता हूं,
धन्यवाद
Deleteअति सुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteदेश वासियों के दिलो को छु लेने वाली कविता है। Keep it up. आप भाविष्य के महान लेखक है।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteदेश वासियों के दिलो को छु लेने वाली कविता है। आप तो भविष्य के महान लेखक है। Keep it up.
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteVery Nice
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteवाह उत्तम उत्तम जयतु माँ भारती
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