badge पुरानीबस्ती : #व्यंग्य - श्री राम अयोध्या से लापता
चाँद भी कंबल ओढ़े निकला था,सितारे ठिठुर रहें थे,सर्दी बढ़ रही थी,ठंड से बचने के लिए, मुझे भी कुछ रिश्ते जलाने पड़े।

Monday, November 17, 2014

#व्यंग्य - श्री राम अयोध्या से लापता






भगवान श्री राम का पिछले १५ दिनो से कोई अता-पता नहीं था। अयोध्या में सभी लोग बहुत चिंतित थे। भगवान श्री राम बिना किसी को बताये इतने दिन के लिए कही आते जाते नहीं है परन्तु इस बार किसी को थाह भी नहीं लगने दी। लक्ष्मण की चिंता बढ़ती जा रही थी। रावण का वध हो चूका था तो किसी और के अंदर राम का अपहरण करने की ताकत नहीं थी। लक्ष्मण ने गुप्तचरों को चारो तरफ राम की खोज में भेज दिया और ऋषि मुनियों को बुलाकर राम की सलामती के लिए यज्ञ शुरू कर दिया। राम का वापस आना बहुत जरुरी था क्योंकि उन्होंने अयोध्या के एनुअल एकाउंट्स पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किये थे और दूसरी तरफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस पर नोटिस भेज रहा था।

अब भगवान श्री राम को लापता होकर कुल ३० दिन बीत चुके थे। गुप्तचरों को कोई लीड नहीं मिल रही थी। भगवान श्री राम अपना GPS कुण्डल भी महल में छोड़ कर चले गए थे। लक्ष्मण ने आखिर हार मानकर हनुमानजी और सुग्रीव को बुलाने का निर्णय लिया। लक्ष्मण ने ये निर्णय देर से लिया क्योंकि सुग्रीव के वानर सेना का खर्च उठाना बहुत महंगा है और इस बार तो मार्च के सर्विस टैक्स का पेमेंट भी नहीं हुआ है। हनुमानजी को तो जैसे तैसे ताज पैलेस के VVIP सूट में ठहरने का इंतज़ाम करवा दिया परन्तु सुग्रीव की बानर सेना को कहा ठहराए ? अंततः सुग्रीव की बानर सेना को रामलीला मैदान में ठहराने का इंतज़ाम किया गया। हनुमानजी और सुग्रीव की सेना भगवान श्री राम की खोज में लग गए।

४५ दिन बीत चुके थे और अभी भी भगवान श्री राम का कोई अता पता नहीं था। हनुमानजी और सुग्रीव हर मीटिंग में राम को न ढूंढ पाने के नए नए बहाने देते थे। सुग्रीव सेना का एक बंदा जो आईआईएम से mba करके आया था उसने अपने प्रेजेंटेशन में साफ साफ बता दिया की हो सकता है भगवान श्री राम मलेशियन एयरलाइन को ढूंढने चले गए है और हमें अब उन्हें कलयुग में जाकर ढूंढना पड़ेगा। लक्ष्मण ने कहा तुम्हारी बात में दम है परन्तु कलयुग में जानेवाली मशीन तो अभी तक नहीं बानी है। झट से आईआईएम वाला बोल पड़ा की एनिसेंट एलियन में दिखता है की पुष्पक जहाज एक स्पेस क्राफ्ट है और शायद उससे हम काल में सफर कर सकते है। अब लक्ष्मण ने रिटायर्ड लोगो की कमेटी बनाकर उन्हें कलयुग में भेजने का प्रस्ताव दिया। जामवंत जी उस दल के चेयरमैन थे।

सतयुग से कलयुग में आने का सफर बहुत ही लम्बा था आखिर करोडो प्रकाशवर्ष की दुरी तय करके जामवंत जी कलयुग में पहुँच गए। जहाँ भी जाते लोग उन्हें घूर घूर कर देखते। कई बार तो प्राणी संग्रहालय वाले उनके पीछे पड़ गए और उन्हें जानबचाकर भागना पड़ा। कई दिन बीत चुके थे परन्तु भगवान श्री राम का कोई अता पता नहीं था। जामवंत जी रोज़ स्काइप पर अपना दिन भर का ब्यौरा लक्ष्मण को दे देते थे। आखिर एक दिन जामवंत को लीड मिल गई। किसी ने बताया की कुछ दिन पहले एक आदमी भगवान श्री राम का वेश बनाकर यहाँ आया था और कह रहा था मुझे नमाज पढनी है। परन्तु लोगो ने उसे कोई बहरूपिया और पागल समझकर भगा दिया। शाम को जामवंत जी ने लक्ष्मण को स्काइप किया तो पता चला की भगवान श्री राम अयोध्या आ चुके है।

भगवान श्री राम के आने पर एक चिंतन सभा बुलायी गई। उस सभा में सभी ने भगवान श्री राम से इतने दिन लापता रहने का कारण पूछा।

भगवान श्री राम ने कहा की वो एक दिन शाम को अयोध्या की यात्रा कर रहे थे तभी उन्होंने ने एक धोबी को बोलते सुना की भगवान श्री राम सेक्युलर नहीं है। मै धोबी के पास गया और उससे पूछा की भाई ये सेक्युलर का मतलब क्या होता है। धोबी ने बताया की जो हिन्दू मस्जिद में जाकर नमाज पढता है उसे सेक्युलर माना जाता है। धोबी ने बताया की उसे कही से पता चला है की भगवान श्री राम के पास सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट नहीं है। मैंने धोबी से पूछा की भाई ये सर्टिफिकेट कहाँ बनता है तो उसने बताया की कलयुग में कुछ राजनितिक दल है जो मस्जिद में नमाज पढने पर हिंदुवो को सेक्युलर सर्टिफिकेट गैरंटी के साथ बनाकर देते है। धोबी कह रहा था की अगर इस बार भगवान श्री राम के पास सर्टिफिकेट ना होगा तो मुझे वोट नहीं करेगा और इस लिए मै सेक्युलर सर्टिफिकेट बनवाने कलयुग में चला गया था।

भगवान श्री राम की कलयुग यात्रा का जिक्र फिर कभी करेंगे।



नोट : कृपया इस लेख के बारे में अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर लिखे।  











34 comments:

  1. बहुत बढ़िया ! आपने तकनीक के इस्तेमाल के साथ श्री राम का वर्णन किया है

    ReplyDelete
  2. बेहतरीन चित्रण और उतने ही अच्छे शब्द.......

    ReplyDelete
  3. हमेशा की तरह उम्दा

    ReplyDelete
  4. उत्तम और सटीक. सतयुग हो या कलियुग, हर युग की राजनीतिक विवशता पर जबरदस्त कटाक्ष!
    अगले सोमवार का इंतज़ार रहेगा!

    Tweet: @piyushKAVIRAJ

    ReplyDelete
  5. काल्पनिक कथानक के द्वारा यथार्थ को दिखाने का प्रयास सराहनीय है। शुभकामनायेँ।
    -ज्योत्सना खत्री

    ReplyDelete
  6. आपने अपनी कल्पना को पंख देकर उसे नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। बेहतरीन शब्द भी छोटा सा ही लगा इसके लिये। बधाई!!

    ReplyDelete
  7. bahut hi acha ye story hai......very very good
    i like it...
    thank u

    ReplyDelete
  8. MBA वाले बन्दे और मलेशियन यान के बीच सन्दर्भ वाली लाइन रिक्त है जैसे राम जी को उड़ने वाली चीजों में बहुत दिलचस्पी है
    वोट शब्द ने तो कमाल ही कर दिया

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद, रिक्त लाइन भी किसी दिन पूरी हो जाएगी

      Delete
  9. अच्छा लिखे है जनाब. राम राज्य में भी सेक्युलकर सर्टिफिकेट बनवा दिए

    ReplyDelete
  10. Hahaha bahut Hi badhiya , mazaa aa gya padh kar bhai. Sach bataun to aaj kal ke vyangya lekhako seekhna chahiye aapse shabdo ka chayan kis prakaar kiyaa jaaye. _/\_

    ReplyDelete
  11. बहुत अच्छा लिख्रते है आप । बहुत बढ़िया । मेरी ब्लॉग पर आप का स्वागत है ।

    ReplyDelete
  12. आपको नहीं लगता कि कुछ मिसिंग रह गया है?

    ReplyDelete
  13. और सर्टफिकेट युगपुरूष प्रमाणित करेंगे☺

    ReplyDelete

Tricks and Tips